दिल्ली-NCR बना 'गैस चैंबर': क्रिकेट पर भी लगा ब्रेक!
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों (Noida, Gurgaon, Ghaziabad) में रहने वाले लोगों के लिए आज "ताजा हवा" एक सपना बन चुकी है। इस साल AQI (Air Quality Index) का स्तर 450 से 500 के पार जा चुका है, जो 'Severe Plus' कैटेगरी में आता है। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि विशेषज्ञों के अनुसार, इस हवा में सांस लेना दिन में 20-25 सिगरेट पीने के बराबर है।
क्रिकेट और स्पोर्ट्स पर असर: इस धुंध (Smog) का असर सिर्फ आम जनता पर ही नहीं, बल्कि बड़े खेलों पर भी पड़ा है। हाल ही में India vs South Africa के बीच होने वाली सीरीज के दौरान खिलाड़ियों को नेट प्रैक्टिस में मास्क पहनकर उतरना पड़ा। इतना ही नहीं, खराब विजिबिलिटी (Visibility) के कारण लखनऊ और दिल्ली के मैचों में देरी हुई और दर्शकों को स्टेडियम में बैठना भी भारी पड़ गया।
क्यों बिगड़े हालात? इस साल प्रदूषण बढ़ने के पीछे सिर्फ 'पराली' (Stubble Burning) ही वजह नहीं है। इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं:
- वाहनों का धुआं: सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की संख्या।
- निर्माण कार्य (Construction): बड़े प्रोजेक्ट्स से उड़ने वाली धूल।
- हवा की धीमी गति: सर्दियों में हवा न चलने के कारण प्रदूषक तत्व (Pollutants) जमीन के पास ही जमा हो जाते हैं।
सरकार के सख्त कदम (GRAP-4 लागू): बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने GRAP-4 (Graded Response Action Plan) लागू कर दिया है। इसके तहत कुछ कड़े फैसले लिए गए हैं:
- ट्रकों की एंट्री पर बैन: गैर-जरूरी सामान लाने वाले डीजल ट्रकों को दिल्ली में घुसने की इजाजत नहीं है।
- वर्क फ्रॉम होम (WFH): कई प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों को 50% स्टाफ के साथ घर से काम करने की सलाह दी गई है।
- स्कूलों की छुट्टियां: बच्चों की सेहत को देखते हुए 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट कर दिया गया है।
- No PUC, No Fuel: पेट्रोल पंपों पर बिना वैध प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC) के तेल देने पर पाबंदी की खबरें भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनी: डॉक्टरों का कहना है कि यह हवा सिर्फ बुजुर्गों या बीमार लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरी तरह स्वस्थ युवाओं के लिए भी खतरनाक है। इससे न केवल फेफड़ों (Lungs) की बीमारी, बल्कि आंखों में जलन, लगातार सिरदर्द और दिल के दौरे (Heart Attack) का खतरा भी बढ़ रहा है।
प्रदूषण से बचने के कुछ आसान घरेलू नुस्खे (आपकी सेहत, आपके हाथ):
- जब बाहर की हवा जहरीली हो, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है:
- तुलसी और अदरक का काढ़ा: सुबह-शाम तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च से बना काढ़ा पिएं। यह फेफड़ों को मजबूत करने में मदद करता है।
- गुड़ का सेवन: थोड़ा-सा गुड़ खाने से फेफड़ों में जमा प्रदूषक तत्व साफ होने में मदद मिलती है। यह एक पुराना और आजमाया हुआ नुस्खा है।
- स्टीम लेना (भाप लेना): दिन में एक या दो बार सादे पानी या यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूंदें डालकर भाप लें। इससे गले और नाक की सफाई होती है।
- घर में पौधे लगाएं: एलोवेरा, स्नेक प्लांट (Snake Plant) और एरिका पाम (Areca Palm) जैसे पौधे घर की हवा को प्राकृतिक रूप से शुद्ध करने में मदद करते हैं।
- शहद और काली मिर्च: सुबह खाली पेट एक चम्मच शहद के साथ थोड़ी पिसी हुई काली मिर्च लेने से गले की खराश और कफ में आराम मिलता है।
- खूब पानी पिएं: शरीर को हाइड्रेटेड रखने से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- याद रखें, ये नुस्खे बचाव के लिए हैं, लेकिन बहुत ज्यादा प्रदूषण होने पर बाहर निकलने से बचें और मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
